राजकीय सम्मान के साथ स्वामी सत्यमित्रानंद को दी भू-समाधि

हरिद्वार/देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। भारत माता मंदिर के संस्थापक और भानुपुरा पीठ के निवर्तमान शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज के पार्थिव देह को बुधवार की शाम राजकीय सम्मान के साथ भू-समाधि दे दी गई। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित कई मंत्रियों और संतों ने आश्रम में पहुंचकर ब्रह्मलीन संत को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
भारत माता जनहित ट्रस्ट के संस्थापक पद्मभूषण ब्रहमलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि को भारत माता ट्रस्ट राघव कुटीर हरीपुर कला हरिद्वार में बुधवार को बडी संख्या में संत समाज, देश विदेश से आए उनके अनुयायियों नें उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की। ब्रहमलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि को देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ने उन्हें श्रद्धांजली दी। ब्रहमलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि को श्रद्धांजली देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानंद आध्यात्म जगत के युग पुरुष थे उनके महाप्रयाण से देश को अपूरणीय क्षति हुई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज ने पूरे विश्व में ज्ञान, धर्म व आध्यात्म की पताका फहराकर सनातन संस्कृति के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जीवन जनकल्याण के लिए समर्पित रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार में उनके द्वारा स्थापित भारत माता मन्दिर उनके देश प्रेम, सैन्य व सन्त परम्परा के सम्मान के साथ ही देश के आध्यात्मिक, सामाजिक व सांस्कृतिक विरासत से भावी पीढ़ी को अपनी समृद्ध विरासत से जोड़ने में निश्चित रूप से मददगार रहेगा। यह मन्दिर उनकी स्मृतियों को भी चिरस्थायी बनाये रखेगा।
केबीनेट मंत्री सतपाल महाराज, मदन कौशिक, मेयर श्रीमती अनीता शर्मा, सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, ने भी महन्त स्वामी सत्यमित्रा नन्द गिरि को श्रंदाजली अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा के बाद अंतिम यात्रा राघव कुटीर के सभागार से शुरू होकर आश्रम परिसर में ही पिछले हिस्से में बनाए गए समाधि स्थल तक पहुंची। बैंड बाजों के साथ निकाली गई अंतिम यात्रा पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए। सनातन परंपरा के अनुसार अध्यात्म जगत के पुरोधा स्वामी सत्यमित्रानंद को जब उनके शिष्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, आईडी शास्त्री, ललिता गिरि और अन्य संतों ने भू-समाधि दी तो देश विदेश से आए अनुयायी भावुक हो गए।

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