देहरादून। राज्य के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने और दूरदराज में भी शिक्षकों की तैनाती पर खासा जोर दे रहे शिक्षा मंत्री ने प्रतिनियुक्ति पर तैनाती की व्यवस्था खत्म करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री के सख्त रुख के चलते शिक्षा महकमे ने इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है।
उत्तराखंड की विषम परिस्थितियों से बचते हुए अन्य महकमों और पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश में तैनात शिक्षकों की मौज-मस्ती के दिन अब लदने वाले हैं। ऐसे शिक्षको की प्रतिनियुक्ति को समाप्त करने की दिशा में आवश्यक कवायद विभाग की ओर से शुरू कर दी गयी है। विभागीय जानकारी व मीडिया में चल रही खबरो के अनुसार शिक्षा महकमे में तकरीबन 3 दर्जन शिक्षक उप्र में सर्व शिक्षा अभियान और अन्य स्थानों पर कार्यरत हैं। वहीं राज्य में ही विभिन्न महकमों में 150 से अधिक शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। सियासी रसूखदारों के चहेते इन शिक्षकों पर हाथ डालने से यूं तो शिक्षा महकमा बचता ही रहा है, लेकिन इस बार शिक्षा मंत्री अरविंड पांडेय के तेवर कुछ अलहदा ही हैं।
इस बार न केवल इन शिक्षको की प्रतिनियुक्ति खत्म होगी, बल्कि सियासी रसूख के पेच को बेअसर किया जाएगा। लिहाजा शिक्षा मंत्री इस मसले को लेकर जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। मंत्रालय की ओर से इन शिक्षकों का पूरा ब्योरा तलब किया जा चुका है। गौरतलब है कि इससे पहले शिक्षा मंत्रालय की ओर से 3 प्रारंभिक शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। यही नहीं, मूल तैनाती में वापसी नहीं करने वाले शिक्षकों की महकमे से संबद्धता (लियन) समाप्त करने के निर्देश भी शासन की ओर से जारी किए गए थे। मंत्रालय के आदेश के चलते अब तक कई शिक्षकों की महकमे में वापसी हो चुकी है।