लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने श्री दरबार साहिब में टेका माथा

एसजीआरआर विश्वविद्यालय करेगा नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतों का संकलन व अन्वेषण
देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने मंगलवार को श्री दरबार साहिब में माथा टेका। वह सपरिवार सुबह 10 बजे श्री दरबार साहिब पहुंचे। उन्होंने श्री दरबार साहिब के श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज से शिष्टाचार भेंट की। भेंटवार्ता के दौरान श्री महाराज जी व नरेन्द्र सिंह नेगी जी के बीच श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में भाषा संरक्षण व संवद्धन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
काबिलेगौर है कि दिल्ली सरकार की ओर से लोक भाषाओं के संरक्षण के लिए महत्वपूर्णं कार्य कर रही है। उत्तराखण्ड राज्य सरकार भी गढ़वाली कुमाऊंनी व अन्य लोक भाषाओं के प्रचार प्रसार, सरंक्षण एवम् संवद्धन को लेकर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रही है। इसी कड़ी में श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय का भाषा एवम् संस्कृति विभाग लोक भाषाओं के प्रचार प्रसार व संरक्षण के लिए महत्वपूर्णं पहल करने जा रहा है।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कहा कि नरेन्द्र सिंह नेगी के मागदर्शन में विश्वविद्यालय का भाषा एवम् संस्कृति विभाग उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को प्रचारित प्रसारित करने का काम करेगा। नरेन्द्र सिंह नेगी विगत 44 वर्षों से उत्तराखण्ड की संस्कृति लोक मान्यता, रीति रिवाज, एवम् सांस्कृतिक सरोकारों को गीतों के माध्यम से प्रस्तुत कर रहे हैं। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय का भाषा एवम् संस्कृति विभाग नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतों का संकलन एवम् अन्वेषण करेगा। नए नए प्रयोगों से उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को देश विदेश में पहुुंचाने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर प्रोजेक्ट चलाए जाएंगे।
नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने वर्ष 1974 में लोकगीत गाने शुरू किए थे। श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने लोकगीत-संगीत की इस लंबी यात्रा में नेगी दा से जुड़े कई संस्मरण सांझा किए। श्री महाराज जी ने कहा कि नरेन्द्र सिंह नेगी जी का जीवन लोकगायक ही नहीं बल्कि एक समाज सेवक के रूप मेें भी समर्पित रहा है। अपने गीतों के माध्यम से उन्होंने उत्तराखण्ड के हर रंग, हर खुशबी हर पहलू को छुआ व जिया। यही कारण है कि नेगी दा की गायकी में उत्तराखण्ड बसता है व उत्तराखण्ड के कण कण में नरेन्द्र सिंह नेगी। उन्होंने अपने कर्मक्षेत्र में उत्तराखण्ड की संस्कृति, रीति रिवाज व आमजन की भावना को जिया। यही कारण है कि वे उत्तराखण्ड के जनमानस की आत्मा में बसते हैं। श्री महाराज जी ने नरेन्द्र सिंह नेगी के दीर्घायु होने की कामना की।

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