वरिष्ठता सूची को लेकर प्रवक्ताओं में नाराजगी

देहरादून। प्रवक्ता कल्याण समिति की आम बैठक में कई प्रस्ताव पास किये गये। अग्रवाल धर्मशाला में हुई बैठक में तय किया गया कि सभी मांगों को अविलंब पूरा करने के लिए शिक्षा मंत्री पर दबाव बनाया जाए।बैठक की जानकारी देते हुए प्रांतीय प्रवक्ता डा. चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि बैठक में प्रवक्ता वरिष्ठता सूची पर र्चचा हुई। प्रांतीय अध्यक्ष मुकेश बहुगुणा ने कहा कि गलत ढंग से बनी इस सूची के कारण एलटी से प्रवक्ता पद पर बैकडेट सीनियरिटी, उसके बाद भी उसी पद का लाभ दिया जाने से हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति में भी पात्र अभ्यर्थियों को वंचित रहना पड़ रहा है। अधिकारियों के संज्ञान में यह मामला होने के बाद भी इसका निस्तारण नहीं किया जा रहा है। जिस वजह से प्रवक्ताओं को कोर्ट की शरण में जाना पड़ रहा है। यदि इस वरिष्ठता सूची को सही तरीके से बना दिया जाए तो विभाग के साथ ही शिक्षकों को कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। मंडल उपाध्यक्ष दीपक जोशी ने मांग की कि जिस तर्ज पर शिकायत प्रकोष्ठ बनाया गया है, उसी तर्ज पर वरिष्ठता निर्धारण प्रकोष्ठ बनाया जाए और सभी संवगरे के प्रतिनिधियों को इसमें रखकर न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों का निस्तारण किया जाए। बैठक में पेंशन प्रकरण पर भी र्चचा हुई। कुमाऊं मंडल अध्यक्ष पुष्पेश सांगा ने कहा कि 2003 में लोक सेवा आयोग से प्रवक्ता के लिए विज्ञप्ति जारी हुई थी। जिसमें नई पेंशन योजना का जिक्र नहीं है। जबकि आयोग से अक्टूबर 2005 से पहले महिला संवगरे की सूची जारी हुई जिन्हें पुराने पेंशन लाभ में रखा गया है। एक अक्टूबर 2005 के बाद जिनके साक्षात्कार हुए उन्हें नई पेंशन योजना में रखा गया। बार-बार अधिकारियों का इस संबंध में अवगत कराया गया, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। हाईकोर्ट की डबल बेंच का फैसला प्रवक्ताओं के पक्ष में आने के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गयी जो गलत है। बैठक में संजय मौर्य, रमेश पैन्यूली, शरद सिंह लिंगवाल, विनोद पैन्यूली, कुलदीप सैनी, कमल ढेला, अखिलेश शर्मा, राकेश रावत, धम्रेंद्र सिंह आदि ने संबोधित किया।

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