देश बंटवारे के लिए कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार
देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। विपक्ष के राजनीतिक मकसद से सीएए का विरोध करने की बात कहते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएए किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं, बल्कि देने के लिए है। एक्ट में परिवर्तन ये हुआ है कि पहले नागरिकता लेेने की अर्हता 11 वर्ष थी, जो अब पांच वर्ष की गई है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर भाजपा के जनजागरण अभियान के तहत देहरादून पहुंचे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस समेत विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 72 साल पहले प्रस्ताव पारित किया था कि पाकिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताडि़त लोगों को भारत में रहने का अधिकार दिया जाए, आज वही कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जटिल मुद्दों का समाधान हो रहा है। सीएए पर सभी जगह बात हो रही है तो इसे जानना, समझना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद धर्म के आधार पर पाकिस्तान अलग देश बना, जबकि भारत अपनी धर्मनिरपेक्ष पहचान के रूप में आगे बढ़ा।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जो सीएए का विरोध कर रहे हैं, उनका मकसद सिर्फ राजनीतिक है। विपक्ष ऐसा दिखाने का प्रयास कर रहा है कि बहुत गलत हुआ है, लेकिन पूरे देश में सीएए को समर्थन मिल रहा है। पूर्वाेत्तर राज्यों को छोड़ देश के सभी राज्यों में यह कानून लागू होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समानता के उल्लंघन का राग अलाप रही, जबकि हमारा कहना है कि पड़ोसी मुस्लिम देशों से प्रताड़ित हिंदुओं को भी समानता का अधिकार मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री ठाकुर ने देश के बंटवारे के लिए भी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू और लियाकत अली के मध्य हुए समझौते से यह बात स्पष्ट होती है, जिसमें अपने-अपने धर्म को अपनाने की छूट मिली। भारत धर्मनिरपेक्ष की नीति पर आज भी कायम है, जबकि पाकिस्तान इसमें विफल रहा। मुख्यमंत्री ठाकुर के अनुसार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू व सिख भारत आ सकते हैं, इनके लिए व्यवस्था बनाना भारत का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के नाम पर सियासत करने वाली कांग्रेस यदि उनके शब्दों की प्रासंगिकता समझती तो सीएए का समर्थन करती।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हुआ है। प्रताडि़त हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई भारत की शरण में आए। ये सभी भारत के प्रति आस्था रखते हैं, मगर उन्हें नागरिकता नहीं मिली है। मानवता के तहत उन्हें अधिकार देने को सीएए लाया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट समेत अन्य नेता भी मौजूद थे।