देहरादून। शिक्षकों को गरिमा का पाठ पढ़ाते हुए CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि शिक्षक चाहे तो सुविधाओं के अभाव में भी बेहतर परिणाम दे सकता है, कुछ दशक पहले शिक्षक अभावों के बीच बेहतर परिणाम देते थे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के हित में लिए गए निर्णय समयबद्ध रूप से पूरे करने के प्रयास किये जाएंगे।
मुख्यमंत्री प्राथमिक शिक्षक संघ के द्वारा आयोजित विदाई समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। समारोह में सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि संसाधनों की कमी का रोना छोड़ना होगा। योग्य शिक्षक संसाधनों की कमी को भी पूरा कर सकते हैं। उन्होंने शिक्षकों को याद दिलाया कि वे अपने पद की गरिमा बनाये रखने के लिए आदर्श स्थापित करें। बच्चों के विकास में प्यार और अनुशासन दोनों ही आवश्यक है। छात्रों को किताबी ज्ञान के अलावा संस्कार देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि संस्कारों की बुनियाद व्यक्ति के प्रारम्भिक जीवन में ही पड़ जाती है। जब आवश्यकता होती है तो यह उभर कर सामने आती है। बच्चों में अच्छे संस्कार डालने के कार्य में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होनें कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज प्राइमरी शिक्षकों में लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं हैं। वे घर की जिम्मेदारी के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। कार्यक्रम में प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्षत्र दिग्विजय सिंह चौहान, महामंत्री सुभाष चौहान सहित संघ के नेता व बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद थे।