देहरादून। सरकारी डिग्री कॉलेजों में प्रवक्ताओं के हालिया तबादले ने रोष पैदा कर दिया है। पर्वतीय क्षेत्रों में लंबे अरसे तक कार्य कर चुके शिक्षकों को मैदानी क्षेत्रों में कार्यकाल पूरा करने से पहले ही फिर पहाड़ों में तैनाती दी गई है। इसके विरोध में डोईवाला सरकारी डिग्री कॉलेज में तैनात एक शिक्षक ने उच्च शिक्षा अपर मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजा है।
ज्ञापन में कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि उनका तबादला गैरसैंण कॉलेज में किया गया है, जबकि उनके डोईवाला कॉलेज में ठहराव की अवधि पांच वर्ष भी पूरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि 14 वर्ष दुर्गम व दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में सेवा के बाद गैरसैंण में तबादला नीति के अनुरूप नहीं है। डोईवाला, ऋषिकेश, डाकपत्थर और अन्य तराई के कॉलेजों में कार्यरत ¨हदी प्राध्यापकों का ठहराव मुझसे अधिक है। लिहाजा उनका तबादला विधि सम्मत नहीं है और नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है। उन्होंने आठ प्राध्यापकों के डोईवाला कॉलेज में ठहराव की सूची भी संलग्न की है। उच्च शिक्षा निदेशक के मार्फत दिए गए ज्ञापन में उन्होंने मानवीय धरातल और नैसर्गिक न्याय के मुताबिक तबादला निरस्त करने की मांग की है।