देहरादून। दून विश्वविद्यालय में यूसर्क द्वारा ज्ञान विज्ञान अभियान के अंतर्गत आयोजित विशिष्ट व्याख्यान में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि समाज व देश के विकास के लिए वैज्ञानिक सोच का होना जरूरी है। उन्होंने पलायन को रोकने के लिए वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि शिक्षा प्राप्त करके हर कोई नौकरी के लिए प्रयास करता है। परंतु नौकरी से आगे भी बहुत कुछ है। हमारे ऊपर गुरूजनों व समाज का ऋण होता है। हमें देखना चाहिए कि हमने देश व समाज के लिए क्या किया है। दून विश्वविद्यालय से क्वालिटी शिक्षा व उच्च स्तरीय शोध अनुसंधान की अपेक्षा की जाती है। छात्रछात्राओं को इस अपेक्षा को पूरा करने के लिए अपनी पूर्ण योग्यता के साथ परिश्रम करना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पलायन को रोकने के लिए वैज्ञानिक शोध व राजनीतिक इच्छा शक्ति को मिलकर काम करना होगा। केवल बातें करने से नहीं बल्कि धरातल पर सही नीयत के साथ काम करने से ही पलायन को कम किया जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में विज्ञान व तकनीक को प्रोत्सहित किया जा रहा है। डिजीटल भारत भी ऐसी ही अवधारणा है। आज पूरे विश्व में देश का मान बढ़ा है। आने वाले समय भारत की पहचान सोने के शेर के रूप में होगी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री रावत ने जाने माने विज्ञानी प्रोफेसर के.एस वल्दिया को सम्मानित किया। यूसर्क के निदेशक प्रो.दुर्गेश पंत ने यूसर्क द्वारा किए गए कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय भट्ट ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।