सूखाताल झील के विकास को प्रस्तुत की गयी योजनाओं को मंडलायुक्त ने किया निरस्त

 

नैनीताल/देहरादून, (गढ़वाल का विकास न्यूज)। सूखाताल झील के जीवितीकरण हेतु सिंचाई विभाग तथा जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण आपसी तालमेल से साइंटिफिक प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। यह निर्देश मण्डलायुक्त श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी ने डीडीए सभागार में सूखाताल झील के पुनर्जीवितरण हेतु ंिसंचाई विभाग की प्रस्तावित योजनाओं की समीक्षा करते हुए दिए।
श्री ह्यांकी ने सिंचाई विभाग द्वारा सूखाताल झील के विकास हेतु प्रस्तुत की गयी तीन योजनाओं को निरस्त करते हुए निर्देश दिए कि सिंचाई विभाग तथा जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण आपसी तालमेल से नया प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। श्री ह्यांकी ने निर्देशित करते हुए कहा प्रस्ताव तैयार करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि सूखाताल झील में पानी बना रहे तथा आवश्यकता पड़ने पर नैनी झील को सूखाताल झील से पानी उपलब्ध कराया जा सके और पर्यटन की दृष्टि से सूखाताल झील को नए डेस्टीनेशन के रूप में भी विकसित जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि सूखाताल झील के जीवितीकरण हेतु तैयार होने वाले प्रस्ताव में जल संग्रहण का भाग सिंचाई विभाग तथा सौन्दर्यकरण का भाग जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण आपसी तालमेल से तैयार करे। उन्होंने निर्देश दिए कि नैनी झील का रिचार्ज ज़ोन विकसित किया जाये।
श्री ह्यांकी ने निर्देश दिए कि सूखाताल झील के पुनर्जीवितीकरण हेतु साइंटिफिक प्रस्ताव शीघ्रता से तैयार किया जाये और 20 अगस्त से पहले नगर के संभ्रान्त नारिकों के साथ बैठक कर तैयार प्रस्ताव की डिटेल साझा की जाये और उनकी भी सलाह ली जाये। उन्होंने सूखाताल झील से मलवा निकालने के लिए टेण्डर निकालने के निर्देश सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिए।
श्री ह्यांकी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़ियाताल (सरिता ताल) में पानी भरा रहे, यदि सड़ियाताल में पानी भरने से दुर्गन्ध की समस्या उत्पन्न होती है तो दुर्गन्ध का समाधान ऐसा किया जाये कि झील में पानी बना रहे।
बैठक में प्रबन्धन निदेशक केएमवीएन एवं उपाध्यक्ष जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण रोहित कुमार मीणा, सचिव जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण पंकज उपाध्याय, उप जिलाधिकारी विनोद कुमार, मुख्य अभियंता सिंचाई एनएस पतियाल, अधिशासी अभियंता सिंचाई एचसी सिंह, अधिशासी अभियंता जल संस्थान संतोष कुमार उपाध्याय आदि मौजूद थे।

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