स्कूलों में छापे : बिना सूचना 29 शिक्षक गायब, दो स्कूल बंद

देहरादून। नये सत्र की शुरुआत के तुरंत बाद सोमवार को प्रदेशभर के स्कूलों में ताबड़तोड़ छापेमारे मारी हुई। सभी जिलों के 809 स्कूलों में मारे गये छापों के दौरान कुल 381 शिक्षक व अन्य कार्मिक गायब मिले, जिसमें से 29 की कोई सूचना नहीं थी। दो स्कूल तो पूरी तरह बंद मिले। बिना सूचना गैरहाजिर कार्मिकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिये गये हैं। इन स्कूलों में 28 हजार बच्चे भी नदारद थे।महानिदेशक शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी के हवाले से बताया गया है कि विभागीय अधिकारियों ने सोमवार को चुनिंदा 809 स्कूलों में छापेमारी की। छापे के दौरान राजकीय प्राथमिक विद्यालय खायाछीना (चंपावत) बंद पाये गये। यहां कार्यरत प्रधानाध्यापक सुरेश चंद्र जोशी व सहायक अध्यापक अनिल कुमार गायब थे। इसी तरह राजकीय प्राथमिक विद्यालय गंडासू घाट (चमोली) बंद पाये गये। यहां कार्यरत प्रधानाध्यापक उर्मिला सजवाण व सहायक अध्यापिका रंजना बहुगुणा गायब थी। छापेमारी की जद में आये सभी विद्यालयों से वैसे तो 381 शिक्षक व कर्मचारी गायब थे, लेकिन इसमें से 311 की छुट्टी की अर्जियां लगी थी जबकि 41 को विभागीय कायरे से अनुपस्थित होना बताया गया है। इसके अलावा 28 शिक्षकों व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का कोई पता नहीं था। बिना सूचना गायब रहने वाले शिक्षकों में चमोली व पौड़ी के 6-6, हरिद्वार व नैनीताल के 3-3, व चंपावत के चार शिक्षक शामिल हैं। स्कूलों में छापेमारी के दौरान बच्चे भी बड़ी संख्या में गैरहाजिर थे। कुल पंजीकृत 74701 बच्चों में से 28292 बच्चे स्कूल नहीं पहुंचे। गनीमत यह रही कि शिक्षकों ने किसी अन्य व्यक्ति से विद्यालय नहीं खुलवाया था। मध्याह्न भोजन की जांच में पाया गया कि 735 स्कूलों में यह बन रहा था। जांच के दौरान पाया गया कि 36 स्कूलों के भवनों को तत्काल मरम्मत की जरूरत है जबकि एक विद्यालय का भवन खतरनाक स्थिति में है और उसे तत्काल ध्वस्त करने की जरूरत है। महानिदेशक शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने सभी अनुपस्थित कार्मिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही भविष्य में अनुपस्थित पाये जाने वाले शिक्षकों को दुर्गम में भेजने की चेतावनी दी है।

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