देहरादून। परेड मैदान में चल रही गौ कथा के अंतिम दिन मंगलवार को पूज्य गोपालमणि महाराज ने गौ महिमा का वर्णन करते हुए बताया गौ माता ने संसार को ऋषि परम्परा के साथ कृषि का अमूल्य उफ्हार भी दिया। उन्होंने बताया कि जिस भी भूमि पर गोबर की खाद से कृषि की जाती है वह भूमि सदा सदा के लिए उपजाऊ रहती है।
महाराज जी ने बताया कि इस देश में जब तक गौ सेवा होती रही तब तक यह भूमि गोकुल वृन्दावन की तरह शांत रही लेकिन जैसे ही आज के दौर में गौ माता के प्रति हिंसा बढ़ी उसने आज आतंकवाद और संसार में आशांति का वातावरण बना दिया। महाराज जी ने बताया कि जो भी गौ को माता मानता और गौ दुग्ध का सेवन करता है वह कभी हिंसक नहीं हो सकता। गौ महिमा का बखान करते हुए महाराज जी ने बताया कि गाय धरती का स्वरुप है, जिस तरह धरती माँ आज तमाम अत्यचारों के बाद भी सहनशील बनी हुई है उसी प्रकार गौ माता भी अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों पर सहनशील बनी हुई है। उन्होंने बताया कि गाय के एक बार माँ शब्द बोलने मात्र से एक लाख मंदिरों में घंटा ध्वनि करने का फल मिलता है। गौ माता के पंचगव्य की शक्ति के कारण ही गौ माता पांडवों की आराध्य देवी थी।
उन्होंने बताया कि गौ माता हमेशा से भारत की आस्था की केंद्र विन्दु रही है। जो गाय प्रस्सन है वह कामधेनु होती है, इसलिए गौ माता को प्रस्सन रखते हुए अपनी कामनाओं को गौ माता से कहना चाहिए। गौ माता में वह शक्ति कि वह अपने पालक की सभी विपतियों को अपने ऊपर ले लेती है और अपने सेवक का कल्याण करती है।
कथा के अंतिम दिन महाराज जी ने सभी गौ भक्तों को आगामी 18 फ़रवरी 2018 को देश कि राजधानी नई दिल्ली के रामलीला मैदान में गौ माता को राष्ट्रमाता के पद पर सुशोभित करने के लिए विशाल जनांदोलन किया जाएगा। इस मौके पर यमनोत्री रावल पवन उनियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस आन्दोलन में देश भर के गौ भक्त दिल्ली में जुटेंगे। इस मौके पर भारतीय गौ क्रांति मंच देहरादून के संरक्षक सूर्यकांत धस्माना, संरक्षक मनोहर लाल जुयाल, अध्यक्ष बलवीर सिंह पंवार, यमनोत्री धाम के रावल पवन उनियाल, यमनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, आचार्य राकेश सेमवाल, संयोजक अजय पाल रावत, डॉ रामभूषण विजल्वाण, सूरत राम डंगवाल, डॉ राकेश मोहन, मीडिया प्रभारी शैलेश नौटियाल, सीता जुयाल, सुनीता उनियाल, मधु रतूड़ी, सुधा ध्यानी, सरला मैठाणी, वसुमती पंवार, मंजू नेगी सहित कई लोग मौजूद रहे।