नई दिल्ली। नोटबंदी के दौरान 500-1000 के पुराने नोट जमा कराने में नाकाम रहे लोगों को राहत मिल सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से ऐसे लोगों को एक मौका देने पर विचार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
पुराने नोट जमा कराने में नाकाम रहे लोगों के मसले पर दाखिल कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस जे एस खेहर ने टिप्पणी की, “अगर कोई ये साबित कर सकता है कि पैसा उसका है जायज़ तरीके से कमाया हुआ है, जिसे वो बहुत ही विशेष हालात के चलते जमा नहीं करा पाया, तो उसका पैसा डूबने नहीं दिया जा सकता।” कोर्ट ने कहा है कि लोगों के मेहनत से कमाए हुए धन को बर्बाद नहीं होने दिया जा सकता। इसलिए, सरकार इस तरह के लोगों के मामलों पर गंभीरता से विचार करे। केंद्र सरकार ने इस मसले पर जवाब देने के लिए 10 दिन का समय मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वालों ने प्रधानमंत्री के आठ नवंबर के संबोधन का हवाला दिया है। उनका कहना है कि पीएम ने रिज़र्व बैंक में 31 मार्च तक नोट जमा होने की बात कही थी। बाद में एक अध्यादेश जारी कर पुराने नोट जमा कराने की मियाद दिसंबर के अंत तक कर दी गई। याचिकाकर्ताओं ने अलग-अलग खास हालात का ज़िक्र किया है, जिसकी वजह से वो पुराने नोट जमा नहीं करा पाए।