देहरादून 10 अगस्त, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कि , नैनीताल जिले में सड़क किनारे कथित अतिक्रमणों को हटाने के फैसले से जिले के एक हजार से अधिक परिवार बेघर हो जाएंगे इसलिए राज्य सरकार को आगे बड़ कर इन परिवारों की रोजी-रोटी को बचाने के लिए वैधानिक उपाय खोजने चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पीड़ितों के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें बताया कि हाल ही में दिल्ली निवासी एक व्यक्ति के पत्र पर उच्च न्यायालय नैनीताल की खंडपीठ ने नैनीताल जिले में खुटानी मोड़ से लेकर पदमपुरी तक अतिक्रमण के कारण राजमार्ग की खराब स्थिति पर जिला प्रशासन से जबाब मांगा है। पत्र में शिकायत की गई है कि पदमपुरी में राजमार्ग के साथ सरकारी और वन भूमि पर अतिक्रमण कर वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, दुकानें और यहां तक कि मंदिर भी बना दिए गए हैं। न्यायालय ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और प्रभागीय वनाधिकारियों से अतिक्रमणों के संबंध में जबाब मांगा है।
यशपाल आर्य ने कहा कि न्यायालय के जिला प्रशासन से जबाब मांगने के बाद हल्द्वानी-नैनीताल नेशनल हाईवे के किनारे भुजियाघाट , डोलमार , दोगांव , आमपड़ाव , नलेना , ज्योलीकोट आदि क्षेत्रों में वर्षों से जीवन यापन कर रहे दुकानदार ,रेस्टोरेंट, होटल स्वामी पर रोज़ी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कहा कि , रानीबाग भीमताल खुटानी ,रानीबाग नैनीताल, वीरभट्टी,गेठिया भूमियाधार, कालाढूंगी, नैनीताल मार्ग पर लोग अपनी अस्थायी दुकान लोग तीन – चार पीढ़ियों और 50/60 साल से अपना रोजगार चला रहे हैं।
अब अचानक विभिन्न विभागों द्वारा उन्हें चिन्हित कर उनकी दुकानों को हटाने के आदेश से पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है जिससे ग्रामीण काफी परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि इनमें से कई भवन लीज और सरकारी आँवटन पर बने हैं। इनमें से कई को समय-समय पर सरकार की बिभिन्न योजनाओं में बैंकों से ऋण और सरकारों से सब्सिडी मिली हैं। सरकार में विभागों ने ही इन्हें विजली-पानी जैसी सुविधाएं दी हैं। आज भी कई प्रतिष्ठानों की ऋण वापसी अभी भी चल रही है ऐसे में कैसे इन सभी को अवैध माना जा सकता है।
यशपाल आर्य ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर इसी तरह की सालों से बसे लोगों को उजाड़ने की खबरें राज्य भर से आ रही हैं । राज्य भर के लोगों को एक साथ अतिक्रमण हटाने के नाम पर अस्थिर नहीं किया जा सकता है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार का कर्तव्य होता है कि वह मुसीबत आने पर राज्य की जनता के लिए जीवन यापन के तरीके खोजे पर यंहा तो सरकार न्यायालय के आदेश की आड़ में वर्षों से जीवन- यापन कर रहे लोगों को उजाड़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को माननीय न्यायालय के सामने परेशान जनता और अपना पक्ष मजबूती के साथ रखना चाहिए। सरकार को पहले इन सभी को भूमि आवंटित कर विस्थापित कर बसाना चाहिए फिर कोई कार्यवाही करनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जरूरत पड़ने पर सरकार को अद्यादेश और कानून लाकर प्रदेश की जनता को कानून की मार से बचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि , इससे पहले भी सरकार देहरादून में नदी के किनारे बसी बस्तियों को उच्च न्यायालय के आदेश से हटाने से बचाने के लिए पहले अद्यादेश और फिर विधानसभा में कानून लायी थी। अब सरकार को पूरे प्रदेश के हजारों परिवारों की रोजी-रोटी बचाने के लिए बीच का रास्ता निकालना चाहिए।