बालाजी ज्वैलर्स शोरूम डकैती मामला: अभियुक्त की पत्नी को मिली जमानत

– बचाव पक्ष के अधिवक्ता नमित शर्मा एवं काव्या महर्षि ने अदालत में पेश किए तथ्य 

– करोड़ों रुपए की इस चर्चित डकैती कांड में पुलिस ने अभियुक्त की पत्नी को भी बनाया था अभियुक्त 

हरिद्वार/देहरादून, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। जिला हरिद्वार के प्रसिद्ध श्री बालाजी ज्वैलर्स के यहां पड़ी करोड़ों रुपयों की डकैती मामलें में अभियुक्त बनाई गई बदमाश अभियुक्त सुभाष उर्फ राहुल की पत्नी शिवानी की हरिद्वार सेशन कोर्ट से जमानत हो गई है। डकैती कांड में पुलिस ने शिवानी को अभियुक्त बनाया था।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता नमित शर्मा (हरिद्वार) एवं सुश्री काव्या महर्षि (देहरादून) ने बताया कि डकैती कांड में पुलिस ने अभियुक्त सुभाष की पत्नी को गलत तरीके से आरोपित किया था जबकि वह अपने पति सुभाष से अलग रहती है एवं उसने तलाक के लिए भी केस फाइल क्या हुआ है। सारे तथ्यों का संज्ञान लेते हुए हरिद्वार के माननीय सत्र न्यायाधीश प्रशांत जोशी की अदालत ने इस आधार पर अभियुक्त शिवानी की जमानत याचिका स्वीकार कर ली, जिसके आधार पर उनको जमानत मिल गई है।

जानकारी के अनुसार सत्र न्यायालय में दाखिल जमानत याचिका में अभियुक्त शिवानी की तरफ से अधिवक्ता नमित शर्मा व अधिवक्ता सुश्री काव्या महर्षि ने तथ्य रखते हुए अदालत को बताया कि 1 सितंबर 2024 को श्री बालाजी ज्वैलर्स के शोरूम में पड़ी डकैती में अभियुक्त सुभाष उर्फ राहुल के साथ अभियुक्त बनाई गई उसकी पत्नी का डकैती  से कोई लेना-देना नहीं है। इसके अलावा शिवानी अपने पति सुभाष के साथ भी नहीं रहती है। बताया कि शिवानी के द्वारा 15 मार्च 2017 को अपने पति सुभाष के विरुद्ध थाना मंगोलपुरी दिल्ली में तहरीर भी दी हुई है।

इसके अलावा शिवानी द्वारा धारा 125 सीआरपीसी के अंतर्गत अपने व अपनी पुत्री के भरण पोषण हेतु मुकदमा आयोजित किया गया तथा हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 (1) के अंतर्गत विवाह विच्छेद हेतु याचिका दिल्ली के न्यायालय में आयोजित की जो वर्तमान में विचाराधीन है। अदालत को साथ ही अदालत के समक्ष यह तथ्य भी आया की डकैती के मामले में पांच अभियुक्तों के साथ डकैती के समय ना तो सुभाष की पत्नी थी और ना ही कोई माल उसके पास से बरामद हुआ है।

हालांकि अभियोजन पक्ष ने अदालत के समक्ष तर्क रखा था कि अभियुक्त शिवानी के ऊपर अपने पति के साथ डकैती के षड्यंत्र में शामिल होने एवं अभियुक्त को छुपाने मदद करने का प्रथम दृष्टि आरोप है। हालांकि अभियोजन पक्ष ने अभियुक्त शिवानी से कोई बरामद की ना होना एवं घटना के समय आरोपियों के साथ ना होना भी स्वीकार किया। उपरोक्त तथ्यों के आधार पर सत्र न्यायाधीश माननीय प्रशांत जोशी ने अभियुक्त शिवानी का जमानत अर्जित स्वीकार करते हुए ₹50 हज़ार के निजी मुचलके एवं इतनी ही राशि के दो जमानतीयो के आधार पर जमानत दे दी।

शिवानी के बचाव पक्ष की अधिवक्ता सुश्री काव्या महर्षि ने बताया कि इस चर्चित डकैती कांड में पांच उपायुक्तों के साथ शिवानी को पुलिस ने सिर्फ इसलिए अभियुक्त बनाया था क्योंकि वह सुभाष की पत्नी है जबकि ना तो उसका कोई अपराधिक इतिहास है ना ही वह अपने पति सुबह से साथ रहती है और ना ही वह किसी षड्यंत्र में शामिल थी इन सभी तथ्यों को माननीय अदालत ने संज्ञान लिया है जो की एक निर्दोष महिला के लिए बड़ा न्याय है।

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