– भारतीय उपमहाद्वीप में पर्यटन में एक नई पहल,
– उत्तराखंड पर्यटन ने डीजीसीए से प्राप्त की आवश्यक मंजूरी,
– जर्मनी से नवीनतम तकनीक तथा सुरक्षा युक्त जेरोकाप्टर,
– उत्तराखंड के अनछुए गंतव्यों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका
देहरादून 16 दिसंबर, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। जाइरोकॉप्टर द्वारा भारत की पहली हिमालयन एयरसफ़ारी के लॉन्च के साथ ही उत्तराखंड ने पर्यटन में एक नयी पहल की है जो हिमालय के लुभावने दृश्यों के साथ रोमांच का मिश्रण करते हुए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करने का वादा करता है।
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने रजस एयरोस्पोर्ट्स एंड एडवेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से उत्तराखंड के विभिन अनछुए गंतव्यों को जोड़ने तथा पर्यटकों को इनका आनंद लेने के लिए जाइरोकॉप्टर द्वारा अभूतपूर्व अनुभव प्रदान करने की योजना बनायी है। 16 दिसंबर को बैरागी कैंप हरिद्वार से पहली जायरोकॉप्टर परीक्षण उड़ान के सफल समापन के साथ राज्य ने पर्यटन में एक नया अध्याय जोड़ा।
इस परीक्षण उड़ान का हिस्सा रहे उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुंडीर ने कहा कि जल्द ही जायरोकॉप्टर के माध्यम से राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों की हिमालयन एयर सफारी योजना शुरू की जाएगी। दूरदर्शी ब्रेकफास्ट टूरिज्म योजना के तहत प्रारम्भ की जाने वाले इस प्रयास के तहत पर्यटकए हिमालय पर्वतमाला और शांत नदियों के हवाई दृश्यों का आनंद लेते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से स्थानांतरित होंगे।
कर्नल पुंडीर ने आगे उल्लेख किया कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद् पर्यटकों को उत्तराखंड की सुंदरता का अनुभव करने के लिए सुरक्षित और नवीन जरिये प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा कि जर्मनी से अत्याधुनिक जायरोकॉप्टर खरीदे गए हैं और शुरुआत में संचालन का नेतृत्व विशेषज्ञ रूप से प्रशिक्षित जर्मन पायलट करेंगे। नागरिक उड्डयन विभाग और जिला अधिकारियों के सहयोग से विभिन्न दर्शनीय स्थानों पर विशेष हवाई पट्टियाँ विकसित करने की योजनाएँ चल रही हैं। यह प्रयास पर्यटकों को उत्तराखंड के कम.ज्ञातए दूरस्थ रत्नों से जोड़ने वाला एक माध्यम है।