हरीश रावत को गैरजिम्मेदाराना मुख्यमंत्री के रूप में किया जाएगा याद
गढ़वाल का विकास न्यूज, देहरादून। जब जब उत्तराखण्डियत पर हमला होगा, हरीश रावत अपनी आंखों को बंद कर लेंगे। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला ने रावत पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जब उत्तराखंड में भविष्य में मुख्यमंत्री काल का जिक्र होगा तो हरीश रावत का नाम गैरजिम्मेदार मुख्यमंत्री के रूप में लिया जाएगा यह इतिहास के पन्नो में दर्ज हो चुका है, “”अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत,” की कहावत हरीश रावत पर सटीक चरितार्थ होती है, कैंथोला ने कहा रावत अपने समय मे किये गये जनविरोधी निर्णयों को भूल गए है वह कहते हैं कि उनकी पहचान गाड़ गदेरों के लाल के रूप में होती है लेकिन उनके द्वारा किये गये जनविरोधी कामों से उनकी पहचान हटकर उत्तराखंड को लुटवाने वाले नेता के रूप में होने लगी थी, डेनिस को उत्तराखंड की जनता कैसे भूल सकती है, रावत के शासन में प्रदेश में माफ़ियाराज चरम पर था, मुख्यमंत्री कार्यालय खनन माफियाओं से गुलजार था , ओर रावत बीजापुर में आंखे बंद करके अपने पुत्र, पुत्री ,पत्नी, साले व सलाहकार के पिंजरे में बंद थे, ओर वहीँ से कहते थे कि जो उन्होंने बात कही वही सही, कैंथोला ने कहा कि रावत ने देश ही नही विदेश में भी देवभूमि का नाम कंलकित करने का काम किया था रावत ने उत्तराखंड में आज तक केवल उत्तराखंड की राजनीति को अस्थिर करने का काम किया और आज भी रावत यही काम करते है ,कैंथोला ने कहा कि रावत जबाब दें कि वो किस लिए व क्यों आंखे बंद करना चाहते थे, क्यों तब कुछ नही बोले जब उत्तराखंड को मिलने वाला विशेष राज्य का दर्जा जब उनकी यूपीए की केंद्र सरकार छीन रही थी तब उनकी उत्तराखण्डियत कहां दफन हो गई थी तब वह किस शमसान में कौन सी तंत्र विद्या में मग्न थे, कैंथोला ने कहा हरीश रावत व कांग्रेस पार्टी ने भ्र्ष्टाचार जननी का काम किया है, और कांग्रेस ने देश व प्रदेश में भ्र्ष्टाचार का दीपक लगाने का काम किया है।