BKTC अस्थायी कर्मियों के विनियमितीकरण की CM धामी की घोषणा

– बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मुख्यमंत्री का आभार जताया

देहरादून, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी ) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बीकेटीसी अस्थायी कार्मिकों के वन टाइम सेटमेंट के तहत विनियमिती करण की घोषणा किये जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है कहा कि अस्थायी कार्मिकों के विनियमितीकरण से श्री बदरीनाथ -केदारनाथ यात्रा व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी तथा कर्मचारियों का भविष्य भी मुख्य मंत्री जी की घोषणा के बाद सुरक्षित हो गया है। वही अस्थायी कार्मिकों में भी खुशी की लहर है।

रविवार को अगस्त्यमुनि ( रूद्रप्रयाग) में आयोजित मुख्य के लखपति दीदी कार्यक्रम जनसभा में अन्य घोषणाओं के साथ बीकेटीसी के कर्मचारियों के विनियमितिकरण की भी घोषणा हुई। इससे पूर्व 28 सितंबर को बीकेटीसी अध्यक्ष ने अस्थायी कार्मिकों के वन टाइम सेटमेंट हेतु पत्र मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र सौंप कर अनुरोध किया था।

उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष का दायित्व संभालने के बाद बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्री बदरीनाथ – केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं में आमूलचूल परिवर्तन तथा सुधार किये पहली बार मंदिरों का संरक्षण जीर्णोद्धार, कर्मचारी सेवा नियमावली , कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड सुविधा, अस्थायी कार्मिकों के लिए ईपीएफ सुविधा तथा विश्राम गृहों की व्यवस्थाओं में सुधार सहित कर्मचारियों तथा तीर्थ यात्रियों के कल्याण हेतु कार्य हुए।

विगत शनिवार 28 सितंबर को मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौपे पत्र में बीकेटीसी अध्यक्ष ने अनुरोध किया था कि श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ धामों में विगत वर्षों की तुलना में इस वर्ष श्रद्धालुओं/तीर्थयात्रियों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है, जो कि यात्राकाल के प्रारंभ से ही आतिथि तक 10-12 लाख से अधिक हो चुकी है। श्री बदरीनाथ मंदिर अधिनियम 1939 की धारा 23 के अनुसार मंदिर समिति के मुख्य दायित्वों में यात्रियों को दर्शन एवं पूजा के अतिरिक्त स्थगन हेतु आवासीय व्यवस्था उपलब्ध करवाना है, जिस कम में ऋषिकेश-बदरीनाथ-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के मुख्य पड़ावों पर समिति के यात्री विश्राम गृह निर्मित हैं, जिनका प्रबंधन मंदिर समिति द्वारा किया जाता है। उक्त विश्राम गृहों में तीर्थ यात्रियों को न्यूनतम दर पर आवासीय व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाती है।

वर्ष 2013 से पूर्व श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ में सीमित संख्या में यात्रियों का आवागमन होता था। वर्ष 2019 के बाद दोनों धामों में यात्रियों की संख्या में आशातीत वृद्धि हुई है और भविष्य में और अधिक वृद्धि होने की पूर्ण सम्भावना है। ऐसी स्थिति में समिति के विश्राम गृहों को और अधिक सुदृढ़ किया जाना आवश्यक होगा।

उक्त के कम में यह भी उल्लेख करना है कि श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अंतर्गत मुख्य मंदिरों के अतिरिक्त 45 अन्य सहवर्ती मंदिर हैं, जिनका सम्पूर्ण प्रबन्धन मंदिर समिति द्वारा किया जाता है। इन सहवर्ती मंदिरों में दर्शन हेतु बढ़ रही श्रद्धालुओं/तीर्थयात्रियों की संख्या को व्यवस्थित करने एवं सुलभ दर्शन व्यवस्था उपलब्ध कराने के दृष्टिगत मंदिर समिति द्वारा नियत वेतन पर अस्थाई कार्मिकों की नियुक्ति की गई है।

इसके अतिरिक्त श्री धामों में श्रद्धालुओं/तीर्थयात्रियों की संख्या को नियंत्रित करने सहित सभी श्रद्धालुओं/तीर्थयात्रियों की सुलभ पूजा एवं दर्शन व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु मंदिर समिति द्वारा अस्थाई कार्मिकों की नियुक्ति की गई है।

कहा कि वर्तमान में मंदिर समिति के अंतर्गत श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ अधिष्ठान सहित 45 सहवर्ती मंदिरों, 01 आयुर्वेदिक फार्मेसी विद्यालय एवं 08 संस्कृत महाविद्यालय/विद्यालयों आदि में लिपिक/शैक्षिक/शिक्षणेत्तर / चतुर्थ श्रेणी-प्रकृति से संबंधित कार्यों हेतु नियत वेतन पर कुल 388 अस्थाई कार्मिक नियुक्त हैं, जो कि अल्प वेतन पर 15-20 वर्षों से कार्यरत हैं। मंदिर समिति द्वारा समय-समय पर आवश्यकता के दृष्टिगत उक्त कार्मिकों को नियत वेतन पर नियुक्त किया गया। उक्त कार्मिक विषम भौगोलिक परिस्थितियों में अपने पदीय दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन करते आ रहे हैं।

इन कार्मिकों के भविष्यगत् परिस्थितियों एवं हितों को सुरक्षित करने के दृष्टिगत मंदिर समिति की दिनांक 06 जनवरी 2024 को संपन्न हुई बोर्ड बैठक में प्रस्ताव संख्या 02 के द्वारा श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में कार्यरत अस्थाई कार्मिकों के वन टाइम सेटलमेंट करते हुए उनके विनियमितिकरण हेतु प्रस्ताव शासन को संदर्भित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी।

वहीं श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अस्थायी कर्मचारियों ने मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय का आभार जताया है।

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