रुद्रप्रयाग, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। श्री केदारनाथ धाम यात्रा 2024 कपाट खुलने के सातवें दिन केदारपुरी में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दो लाख के करीब पहुंच गयी है। गुरुवार शाम तक 1,83,677 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यह शायद पहली दफा होगा जब पहले सात दिनों में इतनी बड़ी संख्या में भक्त बाबा केदारनाथ के दर्शनों को यहां पहुंचे हैं। गुरुवार का दिन सुबह से ही यातायात को लेकर चुनौतीपूर्ण रहा। भारी संख्या में यात्री निजी एवं सार्वजानिक वाहनों से जनपद में पहुंचे।
यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ाव फाटा से लेकर सीतापुर एवं सोनप्रयाग तक कुछ स्थानों पर सिंगल लेन और बॉटल नेक होने के चलते यातायात सुचारू रूप से चलाने के लिए पुलिस बल ने रोस्टर के हिसाब से बारी-बारी से दोनों तरफ से ट्रैफिक संचालन की व्यवस्था बनाई है, लेकिन अपनी मंजिल तक पहुंचने की जल्दी में कई श्रद्धालु यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए यातायात व्यवस्था बाधित कर रहे हैं। ऐसे में न केवल यातायात नियमों का पालन कर रहे यात्री परेशान हो रहे हैं बल्कि पूरी यात्रा प्रभावित हो रही है। अचानक पैदा हुई स्थिति को काबू में करने के लिए जिलाधिकारी सौरभ गहरवार एवं पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे ने ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए सभी अधिकारी-कर्मचारियों को फील्ड में उतारते हुए जाम की स्थिति पर काबू पाया। देर रात जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी रुद्रप्रयाग आशीष घिल्डियाल के साथ स्वयं मौके पर पहुँचकर कुंड से सोनप्रयाग तक यात्रा मार्ग का निरीक्षण करते हुए बाधित यातायात को सुचारू करवाया।
इससे पहले पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल खुद मौके पर गुप्तकाशी, फाटा, शेरसी, बड़ासू से लेकर सोन प्रयाग के बीच यातायात सुचारू करने में जुटे रहे। यात्रियों ने पुलिस एवं प्रशासन के मैनेजमेंट की तारीफ करते हुए कहा कि जाम से जल्दी राहत मिलना बड़ी राहत की बात है। जाम से श्रद्धालुओं को निजात दिलाने के लिए इस वर्ष जनपद में 11 नई पार्किंग विकसित की गई हैं जहां 460 गाड़ियों की पार्किंग हो सकती है वहीं सीतापुर एवं सोनप्रयाग की बड़ी पार्किंग मिलाकर 1500 से अधिक वाहनों की पार्किंग यात्रा मार्ग पर मौजूद है। वहीं जिला प्रशासन द्वारा अगस्त्यमुनि मैदान को भी बैकअप पार्किंग के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। मुख्य पार्किंग फुल होने पर बड़े वाहनों को अगस्त्यमुनि मैदान में पार्क कर यहां से शटल सेवा के माध्यम से यात्रियों को उनके गंतव्य तक छोड़ा जा रहा है।
वहीं सभी पार्किंग की क्षमता एवं जगह की जानकारी ऑनलाइन माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा विकसित एक एप के जरिए लगातार अपडेट हो रही है। लेकिन यहां पर श्रद्धालुओं से भी अपेक्षा है कि यात्रा अपने निजी वाहनों से न करके शटल वाहनों के माध्यम से करें ताकि सीमित जगह पर यातायात का अतिरिक्त दबाव न बने।