देहरादून, (गढ़वाल का विकास न्यूज)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित समारोह में संस्थान के अध्यक्ष प्रोफेसर समीरन नंदी ने विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं का विधिवत शुभारंभ किया। जिनमें एक अतिरिक्त रेडियो थैरेपी लीला मशीन, कैप्सून एंडोस्कोपी सर्विस, डिजिटल पोर्टेबल एक्स-रे, ऑटो वॉक समेत कई सुविधाएं शामिल हैं। एम्स में निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में आयोजित समारोह में संस्थान के अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी ने मरीजों से जुड़ी विभिन्न योजनाओं व सुविधाओं का विधिवत लोकार्पण किया। समारोह में एम्स अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी जी ने कहा कि एम्स ऋषिकेश अपने ऊर्जावान निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी की अगुवाई में एक दिन देश ही नहीं बल्कि दुनिया को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाला अग्रणीय संस्थान बनकर उभरेगा। एम्स ऋषिकेश की देश के अन्य मेडिकल संस्थानों के मुकाबले उत्तरोत्तर प्रगति इस बात की द्योतक है। एम्स अध्यक्ष प्रो. नंदी जी ने बताया कि एम्स में जल्द ही ट्रांसप्लांट सेंटर विधिवत कार्य करने लगेगा,जिससे मरीजों को इसके लिए अन्यत्र नहीं जाना पड़ेगा। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने कहा कि एम्स ऋषिकेश देश की सीमाओं से सटा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संस्थान है। बताया कि यह संस्थान उत्तरभारत में पहला संस्थान है जो बॉर्डर क्षेत्र में लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रहा है। सीमांत क्षेत्र होने के नाते हमें किसी भी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने व लोगों का जीवन बचाने में तत्परता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत जी ने कहा कि मेडिकल क्षेत्र में अनुसंधान व चिकित्सा पद्धतियों को विकसित करते हुए लोगों को वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना एम्स का पहला उद्देश्य है, इस दिशा में सततरूप से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि सभी चिकित्सकों को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में आने वाली सभी प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दिल्ली से नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर वीके पॉल जी, एम्स अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी जी व निदेशक प्रो. रवि कांत जी ने एम्स की शोध पत्रिका जनरल ऑफ मेडिकल एविडेंस के पहले अंक का विधिवत विमोचन किया। जिसमें एम्स अध्यक्ष प्रो. नंदी जी ने बताया कि जब उन्होंने संस्थान का दायित्व संभाला था, तब उनकी निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी से संस्थान में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए साथ साथ शोध पत्रिका के प्रकाशन तथा ट्रांसप्लांट सुविधा शुरू करने को लेकर चर्चा हुई थी। उन्होंने बताया कि एम्स की शोधपत्रिका का प्रकाशन का कार्य शुरू हो गया है, जिसमें भविष्य में एम्स ऋषिकेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य संस्थानों में मेडिकल के क्षेत्र में होने वाले अनुसंधानों व शोधार्थियों के शोधपत्रों को प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एम्स में ट्रांसप्लांट सेंटर खुलने के बाद अंगप्रत्यारोपण कराना आम आदमी की पहुंच में हो सकेगा। इस अवसर पर मरीजों की सुविधा के लिए ऑटो वॉक, कैप्सूल एंडोस्कोपी सर्विस, फैकल्टी वर्किंग स्टेशन, डिजिटल पोर्टेबल एक्स-रे, हाई टेंप्रेचर स्टीम, डाईसिनफैक्शन सिस्टम, जनऔषधि केंद्र का अतिरिक्त काउंटर, एचएलडी जेनरेटर सिस्टम, लौंड्री, लॉन टेनिस कोर्ट, रेडिएशन विभाग में लो एनर्जी लिनियर एसिलीरेटर( लीला मशीन), रोबोटिक नेविगेशन सिस्टम, ट्रॉमा सेंटर में नया ऑपरेशन थियेटर, रेडियो फिक्वेंसी एबलेशन सिस्टम, स्टूडेंट काउंसलिंग सेंटर, डिजिटल फ्लेट पैनल फ्ल्यूरोस्कोपी कम रेडियोग्राफी सिस्टम, 2250 केवी जेनरेटर आदि का लोकार्पण किया गया। इस मौके पर डीन (एकेडमिक) प्रो. मनोज गुप्ता,उपनिदेशक (प्रशासन) अंशुमन गुप्ता, डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा, भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण जौलीग्रांट एयरपोर्ट के निदेशक डीके गौतम और वरिष्ठ प्रबंधक सुमित सक्सेना, प्रो.किम मेमन, प्रो. सोमप्रकाश बासू,प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह, प्रो. लतिका मोहन, प्रो. वर्तिका सक्सेना, डा. मधुर उनियाल, डा. अंकुर मित्तल, डा. अनुभा अग्रवाल, डा. अजीत भदौरिया, एसई अनुराग सिंह, रजिस्ट्रार राजीव चौधरी, प्रशासनिक अधिकारी संतोष, जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल आदि मौजूद थे।