देहरादून, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के उप-कुलपति प्रोफेसर अरविंद जी की सरपरस्ती में डॉक्टर बलबीर सिंह साहित्य केंद्र, देहरादून की ओर से श्रीमती महेंद्र कौर जी की 13वीं सालाना बरसी का समागम 22 मार्च को आयोजित किया गया।
प्रोग्राम की आरंभता श्री सुखमनी साहिब जी के पाठ के साथ हुई उपरांत भाई कंवरपाल सिंह द्वारा मधुर कीर्तन किया गया। इस समय करवाए गए यादगारी भाषण में ‘जैतो का मोर्चा’ के विषय में जानकारी देते हुए डॉक्टर सिमरनजीत कौर रिसर्च स्कॉलर एसजीपीसी अमृतसर ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए महाराजा रिपुदमन सिंह को गद्दी से उतारना, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा इस संबंध में की गई कारवाई, शहीदी जत्थों का गंगसर जैतों में जाना, सिखों की धार्मिक आजादी को बहाल रखना, अनेकों कुर्बानियां के उपरांत मोर्चे की सफलता आदि के बारे में खोज भरपूर तथ्य पेश किए और मोर्चे की दर्दनाक घटनाओं का भावपूर्वक जिक्र किया गया। उनके पश्चात डॉ परमवीर सिंह मुख्य संपादक सिख विश्वकोश, पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला की ओर से महाराज रिपुदमन सिंह की शख्सियत, आजाद सोच और सिख राजा की हैसियत से किए गए महत्वपूर्ण कार्यों का जिक्र करते हुए अंग्रेजी सरकार द्वारा उनके विरुद्ध की गई कार्रवाइयों और घटनाओं पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर केंद्र की ओर से प्रकाशित किया जाने वाले जनरल ‘पंचवटी संदेश’ को लोक अर्पण किया गया जिसमें भाई वीर सिंह के संबंध में खोज भरपूर पेपर प्रकाशित किए गए हैं।
इस मौके बीवी महेंद्र कौर जी को श्रद्धा के पुष्प अर्पित करने हेतु सरदार दवेंद्र सिंह मान दून इंटरनेशनल स्कूल, दर्शन सिंह मैनेजर गुरुद्वारा हेमकुंड ट्रस्ट ऋषिकेश, डॉक्टर गोविल, ब्रिगेडियर बहल, सरदार बरजिंदरपाल सिंह, सरदार अमरजीत सिंह भाटिया, प्रोफेसर पुरुषोत्तम सिंह, श्रीमती परमजीत कौर बेदी, मनजीत कौर तथा देहरादून की संगत भी उपस्थित रही। इस अवसर पर प्रोफेसर पूरन सिंह के नाम पर उत्तराखंड सरकार की ओर से जारी किए गए ‘उत्तराखंड साहित्य गौरव अवार्ड’ के साथ सम्मानित पंजाबी भाषा के कवि गुरदीप सिंह एवं प्रेम साहिल भी पहुंचे थे जिनको केंद्र की ओर से सिरोपा एवं पुस्तके देकर सम्मानित किया गया। स्टेज का संचालन डॉ कश्मीर सिंह द्वारा बहुत ही सुंदर ढंग से किया गया। अंत में केंद्र के इंचार्ज डॉक्टर कुलविंदर सिंह की ओर से आए मेहमानों का धन्यवाद किया गया।