हरिद्वार/देहरादून,(गढ़वाल का विकास न्यूज)। कुंभ मेले में बैरागी कैंप में गंगा के तट पर रेतीले मैदान में जहां पर पूरे भारतवर्ष से आए बैरागी संप्रदाय के साधुओं के आलीशान बड़े-बड़े पंडाल लग रहे हैं और बैरागी कैंप सज-धज कर तैयार हो रहा है वही बैरागी कैंप के बजरी वाला तथा अन्य क्षेत्र में सालों से पूस की बनी झुग्गी झोपड़ियों में रह रहे गरीब स्थानीय निवासी अपनी गुजर-बसर कर रहे हैं। इस बार कुंभ मेले पर उन्हें अच्छी कमाई की उम्मीद थी परंतु कोरोना के कारण उनकी उम्मीद पर ग्रहण छा गया और उम्मीद से कम तीर्थ यात्री और साधु संत इस बार कुंभ मेले में आ रहे हैं। कुंभ मेले में साल भर की कमाई की आशा के साथ झुग्गी झोपड़ी में रह रहे इन गरीबों को उम्मीद रहती है कि उनकी रोजी-रोटी 1 साल तक सुकून से चल जाएगी, परंतु कोरोना ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया। वहीं इस बार इस बजरी वाला बस्ती में झुग्गी झोपड़ियों में दो बार आग लगने की घटना हुई और दोनों बार इन गरीब लोगों का घरेलू सामान तो जला ही, साथ में कुंभ मेले के लिए जो यह गरीब लोग पानी की बोतलें कोल्ड ड्रिंक्स तथा खाने पीने का अन्य सामान बैरागी कैंप में मेले के लिए लाए थे वह भी सामान सब आग की भेंट चढ़ी गया, जिससे इन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ और इनकी आर्थिक दशा पहले ही खराब थी जो और खराब हो गई। वहीं इनके के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ के जवान देवदूत बनकर आए शहर से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां जब तक इन झुग्गी झोपड़ियों की आग बुझाने के लिए आती उससे पहले बैरागी कैंप में डेरा डाले सीआरपीएफ 55 बीएन कंपनी बटालियन के अधिकारी और जवानों ने नदी से पानी भरकर और रेत मिट्टी से आग बुझाने का काम किया और काफी झुग्गी झोपड़ियां आग की चपेट में आने से बचा ली जिससे झुग्गी झोपड़ी में रह रहे लोगों के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान देवदूत से कम नजर नहीं आ रहे हैं इस बटालियन के कंपनी कमांडर बलवीर सिंह जवान मनोज कुमार राज कुमार विजय निगम प्रदीप एक टीम बनाकर आग बुझाने के काम में लगे रहे और उन्होंने यहां पर कोई अनहोनी नहीं कटेगी और कोई हताहत नहीं हुआ इन जवानों ने लोगों को घर से बाहर निकाला और अपनी जान जोखिम में डालकर इन गरीब लोगों की जान बचाई गरीबों को रोते रोते बिलखते देख उन्हें सांत्वना देने का काम की इन जवानों ने किया मानवता की जीवंत प्रतिमा के रूप में सीआरपीएफ के यह जवान जनसेवा का भाव लिए नजर आए। सीआरपीएफ के जवान राजकुमार बताते हैं कि जब उन लोगों को झुग्गी झोपड़ियों में आपकी जानकारी लगी तो वे तुरंत समय गवाएं घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने रेत और नदी और लड़कों के पानी से बाल्टिया भर भर कर जलती हुई झुग्गी झोपड़ी में डालना शुरू किया और आग बुझाने की कोशिश की और लोगों को झोपड़ियों से बाहर निकालाा। नंदू की झोपड़ी जल गई जिसने कुंभ मेले के लिए पानी की बोतल है और कोल्ड ड्रिंक की बोतल अपनी झोपड़ी में रख रखी थी जिन्हें बेच कर गए अपनी गुजर-बसर करता वे सारी आग की भेंट चढ़ गई। नंदू ने बताया कि उसको भारी आर्थिक नुकसान हुआ हैै। उसका कहना है कि यदि सीआरपीएफ के जवान तत्काल उनकी मदद बनाते तो और झुग्गी झोपड़ियां आग की चपेट में आ जाती और कई की जान भी जा सकती थी। सीआरपीएफ के जवान देवदूत बनकर हमारे सामने आए जिनके हम शुक्रगुजार हैं। सीआरपीएफ में लघु भारत दर्शन होते हैं पुलिस बल में भारत के सभी राज्यों के जवान शामिल है जो प्रांत बाद जातिवाद धर्म वाद से ऊपर उठकर मानव मात्र की सेवा में लगे हैं जो सच्चे मानवतावादी है।