निर्माण कार्यों पर शहरी विकास मंत्री ने जतायी नाराजगी

ईंट की गुणवत्ता पर भी उठाये सवाल, सेम्पल जांच को भेजने के दिए निर्देश, मंत्री अग्रवाल ने पेयजल, सीवरेज व ड्रेनेज और सड़क निर्माण कार्य का किया स्थलीय निरीक्षण

देहरादून 23 फरवरी, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम।शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी के अंतर्गत पेयजल, सीवरेज और ड्रेनेज तथा सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान मंत्री डॉ अग्रवाल ने निर्माण कार्य पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दे रही है जबकि अधिकारी सरकार को पलीता लगा रहे हैं। मंत्री डॉ अग्रवाल की नाराजगी पर अधिकारियों ने मई 2023 तक गड्ढा भरने, नाली तथा सड़क बनाने का कार्य पूर्ण करने की बात कही। वही मंत्री डॉ अग्रवाल ने सड़क तथा सीवरेज के लिए बनाए जा रहे मेनहोल को खुलवाकर इसमें उपयुक्त ईंट की गुणवत्ता पर सवाल उठाया और सैंपल को जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए।

गुरुवार को मंत्री डॉ अग्रवाल देहराखास टीएचडीसी कॉलोनी पहुंचे। यहाँ बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने मंत्री डॉ अग्रवाल के समक्ष अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि यहां जगह-जगह सड़क के बीचो बीच बड़े गड्ढे हो रखे हैं जिनमें अक्सर वाहन धंस जाते हैं। साथ ही रात्रिकाल में लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।

मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने भी स्थानीय लोगों की समस्या को सही पाया। उन्होंने कहा कि जनता के लिए सरकार विकास कार्य करती है, ऐसे में यदि विकास कार्यों से जनता ही असंतुष्ट हो तो यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा।

इस पर अधिकारियों ने मंत्री जी को आश्वासन देते हुए कहा कि मई 2023 तक गड्ढा भरने, नाली व सड़क निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। इस पर मंत्री अग्रवाल ने कहा कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखा जाए।

इस दौरान मंत्री ने निर्माणाधीन कच्ची सड़क का भी निरीक्षण किया। यहां रखी ईंट की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए मेनहोल को खुलवाया और ईद को निकालकर जांच करने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने 1 माह से बंद नाली निर्माण कार्य को भी शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए।

इस दौरान यूयूएसडीए की निदेशक वंदना राजगुरु, अपर निदेशक विनय मिश्रा, मण्डल अध्यक्ष अजय शर्मा, महामंत्री दिनेश सती, महिला मोर्चा मण्डल अध्यक्ष वैजंती माला, उपाध्यक्ष बबली रावत, पार्षद आलोक कुमार, पार्षद राजपाल पयाल, शशि मोहन जोशी, अजय शर्मा, भगवती डोभाल, परियोजना प्रबंधक विपिन तिवारी, सहायक अभियन्ता पवन टोलिया, कनिष्ठ अभियंता शैलेन्द्र भट्ट, मिथिलेश कुमार, टाटा कन्सल्टिंग इंजीनिर्यस के विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

बता दे कि 72.36 करोड की लागत से निर्माण कार्य किया जाना है, जिसमें 13.68 करोड का व्यय किया जा चुका है। इसमें 29 कि0मी0 का सीवरेज नेटवर्क बिछाया जाना था। क्षेत्र में नालियों का निर्माण तथा सड़क सुधार का कार्य भी युद्धस्तर पर किया जा रहा है।

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