राष्ट्र की एकता और अखंडता को समर्पित रहा डॉ मुखर्जी का पूरा जीवन: जोशी

– मंत्री गणेश जोशी ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

देहरादून, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। काबीना मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून के बड़ोवाला में एक निजी वेडिंग प्वाइंट में भारतीय जनता पार्टी जिला देहरादून ग्रामीण द्वारा भारतीय जनसंघ के संस्थापक एवं राजनीतिक चिंतक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के स्मृति दिवस के उपलक्ष में आयोजित विचार गोष्ठी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने डॉ मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजली दी।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भावपूर्ण स्मरण करते हुए कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पूरा जीवन राष्ट्र की एकता और अखंडता को समर्पित रहा। उन्होंने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। मंत्री ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अखंड और एक भारत के लिए कश्मीर को देश की मुख्यधारा में लाना चाहते थे। उन्होंने एक निशान, एक विधान और एक प्रधान का मत रखा था। वे महान विचारक दार्शनिक के साथ ही एक महान शिक्षक और राष्ट्रभक्त थे।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पद चिन्हों पर चलते हुए केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाकर एक देश एक निशान एक विधान के सिद्धांत को साकार किया। मंत्री ने सभी को संकल्प लेने का आव्हान करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद पीओके भी हमारा होगा। उन्होंने कहा भारत माता के लिए उनका संकल्प और विचार हम सभी के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा जनसंघ की स्थापना करने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जो पौधा लगाया था वो आज उन्ही के विचारों पर चलते हुए भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।

मंत्री ने सभी से श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों को आत्मसात करते हुए उनके विचारों और सिद्धांतों पर चलने का आव्हान किया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने वृक्षारोपण भी किया। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष मीता सिंह, सहसपुर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, मंडल अध्यक्ष सहसपुर प्रमोद सिंह, संयोजक नीरज चौहान, महामंत्री धर्मपाल, मंजू नेगी, सुरेश उनियाल, प्रमोद रतूड़ी, दर्शन रावत, धीरज चौहान, विनोद कश्यप, ओमवीर राघव आदि उपस्थित रहे।

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