शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग पूरी, यात्रा अवकाश स्वीकृत

– शिक्षकों एवं कार्मिकों को अब पूर्व की भांति मिलेगा अवकाश का लाभ,

– शिक्षक संगठनों ने जताया शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का आभार

देहरादून 14 अगस्त, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। सूबे के विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षकों एवं कर्मचारी संगठनों की यात्रा अवकाश की वर्षों पुरानी मांग स्वीकृत कर दी गई है। इस संबंध में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा ने कार्यालय आदेश जारी कर दिया है। जिसमें शिक्षकों एवं कार्मिकों को पूर्व की भांति वर्ष में एक बार यात्रा अवकाश देने की स्वीकृति प्रदान की है। यात्रा अवकाश स्वीकृत होने पर प्रदेश के विभिन्न शिक्षक संगठनों ने विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का आभार जताया और उनकी इस पहल की जमकर तारीफ की।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि विगत दिनों राजकीय शिक्षक संघ की नई प्रांतीय कार्यकारिणी के साथ बैठक हुई, जिसमें शिक्षक संघ द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों को पूर्व की भांति यात्रा अवकाश देने की मांग रखी गई। जिस पर सकारात्मक कार्रवाई करते हुये शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को घर आने-जाने के लिए यात्रा अवकाश की स्वीकृत दे दी गई है। इस संबंध में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने स्वीकृति के आदेश जारी कर दिये है। विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक ने बताया कि यात्रा अवकाश का नियम पहले से था, लेकिन किसी कारणवश इसका लाभ शिक्षकों एवं कर्मचारियों को नहीं मिल रहा था। उन्होंने बताया कि शिक्षक संघ की मांग पर शिक्षा मंत्री डा. रावत ने तत्काल यात्रा अवकाश देने के निर्देश दिये थे। जिस पर अमल करते हुये यात्रा अवकाश को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि उक्त अवकाश साल में एक बार लिया जा सकेगा। वहीं यात्रा अवकाश की स्वीकृति मिलने पर विभिन्न शिक्षक संगठनों सहित शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने पूर्व की भांति यात्रा अवकाश मिलने पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का आभार जताया और उनकी जमकर तारीफ की। उन्होंने बताया कि डॉ. रावत ने शिक्षक संगठनों से संवाद स्थापित कर शिक्षकों की पीड़ा को समझा है। शिक्षा के उत्तरोतर विकास के लिये डा. रावत की पहलों को हमेशा सराहा जायेगा। शिक्षक संगठनों ने कहा कि सूबे में गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये वह शिक्षा मंत्री डॉ. रावत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

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