सुरक्षा चूक पर थोप रहे भंटिड़ा रैली में भीड़ न जुट पाने का ठीकरा: सुरेंद्र कुमार

06 जनवरी 2022, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम, देहरादून। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष व सलाहकार सुरेन्द कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी जी की पंजाब के भंटिड़ा रैली में भीड़ न जुट पाने का ठिकरा सुरक्षाचूक पर थोप रहे है। उन्होने कहा कि भाजपा युवा मोर्चो का कांग्रेस कार्यालय में किया प्रर्दशन की निंदा करते हुए कहा कि यह प्रर्दशन केन्द्रीय गृह मंत्री के आवास पर होना चाहिए था।

उन्होने कई बिन्दु उठाकर प्रधानमंत्री की रैली में भीड़ न जुटने को सुरक्षाचूक एक बहाना बताया है और कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की नही बल्कि एसपीजी की होती और एसपीजी सुरक्षा प्राप्त हर व्यक्ति का रूट चार्ट एसपीजी के निगरानी में होता है और पूरे रास्ते मे एसपीजी के लोग अपने हिसाब से सुरक्षा घेरा बनवाते हैं। एसपीजी किसी भी क्षेत्र विशेष को या अधिकारी को अपने नियंत्रण में ले सकती है। तो क्या आज एसपीजी ने ऐसा नही किया घ् और यदि नही किया तो क्यों नही किया और नही करने के कारण एसपीजी के प्रमुख और गृहमंत्री से इस्तीफा कब लिया जाएगा। फिरोजपुर में जहां किसानों ने रास्ता रोका वह क्षेत्र राज्य सरकार के पुलिस के अंतर्गत आता ही नही क्योंकि मोदी सरकार के ष्दखलदांजी नीतिष् के कारण हाल ही में बॉर्डर क्षेत्र के 50 किमी क्षेत्र को बीएसएफ के निगरानी में दे दिया गया है और वो रास्ता बॉर्डर के 10 किमी दूरी पर है तो क्या केंद्र सरकार मानती है कि बीएसएफ ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा क्षेत्र की निगरानी नही की और यदि ऐसा है तो बीएसएफ के मुखिया होने के नाते गृहमंत्री इस्तीफा देंगे घ् प्रधानमंत्री को हैलीकॉप्टर से 112 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी मगर उन्होंने अचानक से कार में जाने का फैसला आखिर किसके सलाह पर लिया और क्या 112 किमी सड़क को बिना पूर्व सूचना के सुरक्षाकर्मियों द्वारा घेर पाना सम्भव है क्योंकि केंद्र सरकार भी जानती है कि पंजाब में किसान मोदी के विरोध में सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

आईबी की इंटेलिजेंस कहाँ थी। क्या वो प्रधानमंत्री के सुरक्षा में होने वाले चूक को पहले नही भांप पाई और यदि आईबी को पूरे घटना की जानकारी नही हो सकी तो क्या आईबी के मुखिया के रूप में गृहमंत्री इस्तीफा देंगे। भाजपा के साथी और मंत्री जो सवाल पंजाब के चन्नी सरकार से कर रहे है वो असल मे उन्हें गृहमंत्री से करना चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री के सुरक्षा में अगर चूक हुआ है तो उसके लिए एसपीजीए बीएसएफ और आईबी जिम्मेदार है और ये तीनो गृहमंत्री के अंतर्गत आता है।

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