वर्कफ्रॉम होम के दृष्टिगत होमस्टे में बेहतर इटरनेट कनेक्टिविटी
गढ़वाल का विकास न्यूज, देहरादून। कोविड महामारी की वजह से लॉकडाउन और सामाजिक दूरी बनाये रखने की मजबूरी ने लोगों को घर से ही काम करने के लिए बाध्य कर दिया है। ऐसे में आप अगर लंबे समय तक घर में रहते ऊब गए हैं और छुट्टी लेकर कहीं जाने की स्थिति में नहीं हैं तो घबराइए नहीं। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने इन गर्मियों आपके लिए प्रदेश के तमाम पर्यटन स्थलों पर वर्केशन की उम्दा व्यवस्था विकसित की है। आप उत्तराखंड के पहाड़ों के नैसर्गिक सौंदर्य का नजारा लेते हुए यहां की समृद्धि संस्कृति, खान-पान से परिपूर्ण राज्य सरकार की होमस्टे योजना के तहत विकसित हुए हजारों होमस्टे में से चुन सकते हैं। यहां आप प्रकृति के बीच रहकर परिवार के साथ छुट्टी के माहौल में ऑफिस का काम कर सकते हैं। ऐसे में तन-मन को सुकून देने वाली उत्तराखंड की सुरम्य वादियां और स्वास्थ्यवर्धक वातावरण वर्क फ्रॉम होम के लिए सर्वदा विकल्प है।
उत्तराखंड में पक्षियों की चहचहाहट, पहाड़ों की ठंडी हवा और नदी से टकराती चट्टानों की तेज आवाज आपको तरोताजा कर देगी। बीते साल से लॉकडाउन लागू होने के बाद से वर्तमान में ‘वर्केशन’ का कान्सेप्ट प्रचलन में आया है। उत्तराखंड में आप अपनी छुट्टियां बिताने के साथ स्वच्छ और शांत वातावरण में काम भी कर सकते हैं। राज्य में ऐसे पेशेवरों के लिए काम करने और हिमालय के प्राकृतिक वातावरण के बीच आनंद लेने व सुखद प्रवास करने के लिए विभिन्न स्थलों जैसे नैनीताल, मुक्तेश्वर, नौकुचियाताल, कौसानी, रानीखेत, अल्मोड़ा, देहरादून, मसूरी, धनौल्टी, कानाताल, टिहरी, ऋषिकेश, नरेन्द्रनगर, टिहरी, लैंसडाउन, रूद्रप्रयाग आदि को चिन्हित किया है। जहां वर्केशन के लिए सभी होमस्टे में इंटरनेट की उत्तम व्यवस्था उपलब्ध है।
नैनीताल-उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र का मुख्य पर्यटन स्थल नैनीताल को झीलों का शहर कहा जाता है। आप यहाँ बेहद आरामदायक तरीके से अपनी छुट्टियाँ बिता सकते हैं फिर चाहे अपने परिवार के साथ आएं या फिर मित्रों के साथ या फिर वर्केशन के लिए।
मुक्तेश्वर- यदि आप साहसिक खेलों के प्रति थोड़ा झुकाव रखते हैं और फलों के बागों, शंकुधारी जंगलों, रोलिंग मीडोज, मंदिरों और निश्चित रूप से झरनों का पता लगाना चाहते हैं, तो मुक्तेश्वर आपके सबसे बेहतर स्थान है। इंटरनेट और दुकानों की सुविधाओं के साथ सभी आवश्यक चीजें खरीदने से आपका काम और अधिक आरामदायक हो जाता है। यह काम करने के लिए एकदम सही मिश्रण प्रदान करता है और साथ ही खाली समय में रॉक क्लाइम्बिंग, साइकिलिंग और अन्य गतिविधियों का आनंद लेता है।
नौकुचियाताल- कुमाऊं की खूबसूरत पहाड़ियों में समुद्र तल से 1200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित नौकुचियाताल अपनी प्रकृति और सूक्ष्म परिदृश्य के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। प्रकृति की गोद में हिमालय की कुमाऊं पर्वतमाला से घिरी नौ कोनों वाली झील यहां का प्रमुख आकर्षण है।
कौसानी- समुद्र स्तर से ऊपर 1890 मीटर की दूरी पर स्थित, कौसानी में प्रकृति के विलय और हरियाली का अनूठा संगम है। यहां तक कि राष्ट्र के पिता, महात्मा गांधी ने इस क्षेत्र की सुंदरता पर विचार किया है। कौसानी से हिमालय की चोटियों की लंबी श्रृंखला के दर्शन किये जा सकते हैं। यहां के होम स्टे और अतिथि गृह आपकी छुट्टियों को और भी यादगार बना देते हैं।
रानीखेत-रानीखेत उत्तराखंड का एक प्रमुख हिल स्टेशन है, जिसकी प्राकृतिक खूबसूरती देखते ही बनती है। यहां कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं, जिसमें हरे-भरे जंगल, हिमालयी पहाड़ियां, पर्वतीय चढ़ाई, गोल्फ कोर्स, ट्रैकिंग रेंज और मंदिर आदि शामिल हैं। अगर आप शहर से दूर कुछ पल शांति के बिताना चाहते हैं और साथ ही प्रकृति का अनुपम सौंदर्य में वर्ककेशन करना चाहते हैं तो आपको रानीखेत एक बार जरूर जाना चाहिए।
अल्मोड़ा-भीड़भाड़ से दूर शांत और खुशमिजाज वातावरण में छुट्टियों मानाने के लिए उत्तराखंड सबसे बेहतर विकल्पों में से एक है। यहां बने होम स्टे आपको अपनी छुट्टियों का आनंद लेने के साथ वर्ककेशन की भी सुविधा उपलब्ध कराते हैं। अल्मोड़ा को भारत का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है।
मसूरी- मसूरी में हिमालय की उचाईयों से टकराते बादल, वृक्षों की सुन्दर-सुन्दर टहनियों की सांय-सांय करती हुई मधुर धुन और पक्षियों का मनमोहक संगीत हर पर्यटक को अपना दीवाना बना लेता है। अपनी सुंदरता और विशेष गुणों के कारण ना सिर्फ भारत से बल्कि विश्व के कौने कौने से पर्यटक मसूरी घूमने के लिए आते हैं। यहां आप अपने परिवार के साथ छुट्टियों व वर्केशन का आनंद ले सकतें हैं।
धनोल्टी-उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में समुद्र तल से 2286 मीटर की उंचाई पर धनौल्टी एक बेहद सुन्दर हिल स्टेशन है। अपने शांत और सुरम्य वातावरण के लिए जानी जाने वाली यह जगह देवदार, रोडोडेंड्रोन और ओंक के वनों से आच्छादित मसूरी मार्ग पर स्थित है। रहने के लिए यहां पर्यटक विश्राम गृह, वन विभाग के विश्राम गृह, अतिथि गृह के बहुत से मनमोहक होम स्टे हैं।
नई टिहरी-नई टिहरी एक नवनिर्मित शहर और टिहरी गढ़वाल का जिला मुख्यालय है। यह समुद्र तल से 1550 से 1950 एमटीएस के बीच की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक आधुनिक और सुव्यवस्थित शहर है जो चम्बा से 11 किलोमीटर और पुरानी टिहरी से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां के होम स्टे और अतिथि गृह पर्यटकों की छुट्टियां बिताने और वर्केशन के लिए सबसे बेहतर विकल्प हैं।
लैंसडाउन- लैंसडाउन हिलस्टेशन उत्तराखंड की वादियों में बसा खूबसूरत और शांत होने के साथ सुरक्षित भी है, क्योंकि यहां सैनिक छावनी है। घने बांज और नीले देवदार के जंगलों से घिरा, शून्य प्रदूषण और चहकती चिड़ियों की मनभावन आवाज और तेज हवाओं के साथ इसे वर्केशन के लिए सबसे उचित स्थान है।
ऋषिकेश-ऋषिकेश में राम झूला के पास शिवानंद गांव स्थित है। यहां स्थित शिवानंद आश्रम की स्थापना 1936 में स्वामी शिवानंद ने की थी। यह आश्रम डिवाइन लाइफ सोसायटी द्वारा चलाया जाता है और भारत के सर्वोच्च योग केंद्र के अंतर्गत आता है। आश्रम में रहने के लिए साफ, स्वच्छ और आरामदायक कमरे हैं। राफ्टिंग, बंजी जंपिंग जैसे साहसिक खेल और अन्य आपके काम से कुछ समय निकालने और गंगा के तेज बहाव वाले पानी में खुद को रोमांचित करने के लिए निकटता में हैं।
रुद्रप्रयाग-रुद्रप्रयाग का नाम भगवान शिव (रुद्र) के नाम पर रखा गया। रुद्रप्रयाग, अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के पवित्र संगम पर स्थित है। यह वर्ककेशन के लिए सबसे बेहतर जगहों में से एक है।
मुक्तेश्वर के एक होमस्टे संचालक ने बताया कि कोविड-19 के सभी नियमों और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पर्यटकों को होम स्टे उपलब्ध कराया जा रहा है। होम स्टे में पर्यटकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए सभी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ज्यादातर कर्मचारियों को काम के दौरान इंटरनेट और हर वक्त बिजली की जरूरत होती है, इसका ध्यान रखते हुए होम स्टे में सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है।
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज कहते हैं कि राज्य के गांवों से पलायन थामने के मद्देनजर रोजगार के अवसर सृजित करने के मकसद से 2016 में होम स्टे योजना शुरू की थी। जिसके लिए गांव में घरों को होमस्टे में तब्दील कर वहां पर्यटकों के रहने की व्यवस्था की गई है। उत्तराखंड में आकर वर्क फ्रॉम होम करने वालों को वर्केशन के तहत घर जैसा वातावरण उपलब्ध कराया जा रहा है। जहां उन्हें पारंपरिक व्यंजनों परोसे जाते हैं। जिससे देश-दुनिया के लोग उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से भी रूबरू होते हैं।
उत्तराखण्ड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर कहते हैं कि होम स्टे में योग-ध्यान, स्पॉ, पंचकर्मा जैसी वेलनेस से जुड़ी गतिविधियां शुरू करने के साथ ही इन्हें मौजूदा परिस्थितियों के दृष्टिगत कंपनियों, संस्थाओं समेत अन्य लोगों को वर्क फ्रॉम होम के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। होमस्टे पर्यटकों के रुकने के लिए उस सुविधा का नाम है, जहां पर पर्यटक किसी होटल या लॉज में न रुककर किसी ऐसे स्थानीय व्यक्ति के घर पर रुक सकते हैं जो ट्रेवल की सुविधा प्रदान करता हो। होमस्टे पर्यटकों को उनके डेस्टिनेशन को करीब से समझने का मौका देता है। अगर आप सिर्फ घर का खाना पसंद करते हैं तो होमस्टे से बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। यहां आप अपनी पसंद से खाना बनवा सकते हैं और स्थानीय स्वाद का लुत्फ भी उठा सकते हैं।