– यात्रा मार्ग पर और पुख्ता होंगें श्रद्धालुओं की सुरक्षा के इंतजाम,
– मुख्यमंत्री ने केदार घाटी के लिए जारी किए 30 करोड़
रुद्रप्रयाग, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर पैदल यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के इंतजाम और अधिक पुख्ता होंगे। यात्रा मार्ग पर भारी बारिश के बीच स्लाइडिंग एवं डेंजर जोन में अब यात्रियों को हेलमेट पहन कर रास्ते पार करवाए जाएंगे। ऐसे स्थानों पर यात्रियों को सचेत करने एवं सतर्कता की जानकारी देने को अनाउंसमेंट सिस्टम एवं अलर्ट लाइट्स का भी सहारा लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में गढ़वाल कमिश्नर/ सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पांडेय, आपदा सचिव विनोद सुमन ने बुधवार को श्री केदारनाथ यात्रा एवं आपदा संबधित बैठक लेने केदार घाटी पहुंचे। शेरसी में बैठक के दौरान उन्होंने मानसून सीजन के बाद शुरू हुई दूसरे चरण की यात्रा एवं 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते हुई क्षति के बाद हुए पुनर्स्थापन कार्यों की समीक्षा की। इसके बाद सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र एवं पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी किया।
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने जिलाधिकारी सौरभ गहरवार से सड़क एवं पैदल यात्रा मार्ग की पुनर्स्थापना के लिए किए जा रहे कार्यों की रिपोर्ट लेते हुए इस वर्ष की शेष यात्रा काल के लिहाज से अनिवार्य कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में मास्क एवं हेलोजन लाईट लगवाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारी बारिश के चलते बार बार भूस्खलन यात्रा मार्ग पर हो रहा है ऐसे में माननीय मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि केदारनाथ यात्रा सुगम एवं सुरक्षित हो इसके लिए सभी विभाग अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन संवेदनशीलता के साथ करें।
आपदा सचिव विनोद सुमन ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम यात्रा सुरक्षा के साथ सुचारू रखने के लिए मा. मुख्यमंत्री द्वारा लगातार समीक्षा बैठकें की जा रही हैं। अब तक करीब 30 करोड़ रुपए मुआवजा एवं पुनर्थापना कार्यों के लिए मुख्यमंत्री स्वीकृत कर चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सड़क एवं पैदल मार्गों पर हुई क्षति की पुनर्थपना गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए तेजी से करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से सभी संभव प्रयास किया जा रहे हैं पैदल यात्रा मार्ग पर सोनप्रयाग, जंगलचट्टी, रामबाड़ा, भीमबली सहित अन्य डेंजर जोन में यात्रियों को अब सुरक्षा हेलमेट पहन कर यात्रा करवाई जाएगी। वहीं यात्रा मार्ग पर अनाउंसमेंट सिस्टम एवं अलर्ट लाइट्स भी लगाने की तैयारी है। जिससे मौसम, भूस्खलन सहित यात्रा संबधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी यात्रियों को समय पर उपलब्ध करवाई जा सकें।
यात्रा मार्ग पर पुनर्स्थापना कार्यों की मॉनिटरिंग एवं सुझावों के लिए मा. मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्त कर्नल अजय कोठियाल ने सुझाव दिया कि कुंड में प्रस्तावित नए पुल निर्माण में सेना की सहायता ली जाए। इसके अलावा फिलहाल पैदल यात्रा मार्ग को चार मीटर तक चौड़ा किया जाना अनिवार्य है ताकि भीड़ बढ़ने पर पैदल मार्ग में जाम जैसी स्थिति न बने।
बैठक में विभागाध्यक्ष पीडब्लूडी दीपक यादव, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला, अधीक्षण अभियंता आठवां वृत्त लोनिवि टिहरी मुकेश परमार, प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ विमल गुसाईं, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत, अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्भय सिंह, जल संस्थान अनीश पिल्लई, सिंचाई खुशवंत सिंह, तहसीलदार ऊखीमठ प्रदीप नेगी, डीडीएमए विनय झिंक्वाण सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।