ट्रैकिंग ग्रोथ सेंटर होम स्टे अनुदान योजना नियमावली-2020 को मिली मंजूरी

देहरादून, (गढ़वाल का विकास न्यूज)। कैबिनेट ने ट्रैकिंग ग्रोथ सेंटर होम-स्टे अनुदान योजना नियमावली 2020 को दी मंजूरी दे दी है। यह नियमावली ट्रैकिंग ग्रोथ सेंटर के आस पास पड़ने वाले गावों पर ही लागू होगी। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि कोरोना काल में देश के विभिन्न स्थानों से वापस लौटे बेरोजगारों के लिए स्वरोजगार प्रदान करने का स्वर्णीम अवसर प्रदान करेगी। राज्य में ट्रैकिंग के उद्देश्य से आने वाले पर्यटकों के बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए राज्य की ग्रामीण एवं स्थानीय अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। राज्य में मौजूद सैकड़ों ट्रैकिंग मार्गों पर स्थित अनेकों गांवों के लोग इस योजना से लाभांवित हो सकेंगे।

ट्रैकिंग क्लस्टर से तात्पर्य ऐसे स्थान से है जहां से ट्रैंिकग मार्ग प्रारंभ होते हों और जो शहर से एकदम अलग स्थान पर हो। ट्रैकिंग क्लस्टर का चिन्हीकरण जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा तथा इन्हें उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किया जाएगा। किसी गांव में छः या उससे अधिक होम स्टे स्थापित करने पर उन्हें क्लस्टर माना जायेगा। ऐसे क्लस्टरों के आस-पास अवस्थापना, सुविधा कार्य सरकार द्वारा किया जायेगा। चयन प्रक्रिया में लाभार्थियों का चयन पर्यटन विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात् पहले आओ पहले पावो के आधार पर किया जायेगा। दस्तावेजों की जांच के पश्चात् उपयुक्त पाये गये आवेदकों के आवेदन पत्रों के आधार पर साक्षात्कार के माध्यम से चयन किया जायेगा।

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि राजकीय सहायता के रूप में नए कक्षों के निर्माण हेतु प्रतिकक्ष 60 हजार रूपये की धनराशि सुविधा के साथ तथा पूर्व से निर्मित कक्षों के साज-सज्जा हेतु 25 हजार रूपये प्रतिकक्ष अधिकतम 6 कक्षों तक के लिए आवेदनकर्ता को आवश्यक देयकों के मूल्यांकन के उपरान्त किया जायेगा। मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष संबंधित जिलाधिकारी होंगे। आवेदन पत्र पर्यटन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों से या विभागीय वेब-साईट से डाउनलोड कर प्राप्त किया जा सकता है। जिसे भरने के पश्चात् भवन स्वामी सम्बन्धित जिले के क्षेत्रीय/जिला पर्यटन कार्यालय में जमा करेगा।

राजकीय सहायता ऐसे व्यक्ति को दी जायेगी जो ट्रैकिंग क्लस्टर के पास रहने वाले गांव का मूल निवासी हो, भवन स्वामी स्वयं परिवार सहित प्रस्तावित होम-स्टे में निवास करता हों, ऐसा व्यक्ति होम-स्टे के निर्माण हेतु अपेक्षित भूमि का स्वामी या हिस्सेदार हो, व्यक्ति किसी बैंक अथवा वित्तीय संस्था का डिफाॅल्टर न हो, रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से समय-समय पर शासन द्वारा अनुसूचित जाति व जनजाति, अन्य पिछड़ी जातियों, भूतपूर्व सैनिकों, दिव्यांगों आदि को दिये जाने वाले आरक्षण का लाभ अनुमान्य होगा,

सचिव पर्यटन ने कहा कि योजना पर्यटन विभाग उत्तराखण्ड द्वारा संचालित की जायेगी। साथ ही योजना की गुणवत्ता उपादेयता, परिचालन, परिदृष्टता एवं आवश्यक अनुश्रवणात्मक व्यवस्थायें भी सुनिश्चित की जायेगी। उद्यमी की योजना हेतु अन्य किसी विभाग यथा वन, पर्यावरण, ऊर्जा आदि से किसी प्रकार के अनापत्ति प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होने पर उसको उपलब्ध कराने में सहयोग प्रदान किया जायेगा।

उन्होंने आगे बताया कि होम स्टे से प्राप्त धनराशि पर गृह आवास के रूप में पंजीकरण के पश्चात् प्रथम तीन वर्षों तक राज्य वस्तु एवं सेवा कर की धनराशि की विभाग द्वारा अदायगी/प्रतिपूर्ति की जायेगी। बिजली/पानी/भवन के कर आदि शुल्क को संबंन्धित विभागों द्वारा अव्यवसायिक दरों पर वसूल किया जा सकेगा। भवन निर्माण करने के संबंध में प्रचलित नियमों का पालन किया जाएगा। ट्रैकिंग ग्रोथ सेंटर के प्रचार-प्रसार के लिए एप विकसित किया जायेगा।

राजकीय सहायता की धनराशि का लाभ प्राप्त करने हेतु नये होम-स्टे विकसित करने के अतिरिक्त पुराने भवनों की आन्तरिक साज-सज्जा, उनका विस्तार/नवीनीकरण/सुधार एवं शौचालयों के नवनिर्माण या उच्चीकरण आदि के लिए भी योजना का लाभ अनुमान्य होगा। इसके साथ ही पारम्परिक/पहाड़ी शैली में निर्मित/विकसित भवनों को प्राथमिकता दी जायेगी।

ट्रैकिंग क्लस्टर होम-स्टे अनुदान के लिए आवश्यक शर्तें-

किसी भवन को होम स्टे के रूप में प्रयुक्त किये जाने के लिए यह आवश्यक है कि भवन पूर्णतः आवासीय परिसर हो, भवन स्वामी अपने परिवार सहित भवन में निवास करता हो, अतिथियों के खान-पान की व्यवस्था भवन स्वामी द्वारा की जाये, होम-स्टे में अतिथियों के लिए न्यूनतम एक व अधिकतम छः कक्षों की व्यवस्था की गयी हो। होम-स्टे प्रारंभ करने के लिए विभाग में पंजीकरण करना हो।

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